तीन चोर (कभी घमंड मत करो ) moral story

बहुत दिनों की बात है   किसी शहर में अशोक ,मुकेश ,रमेश  तीन चोर  रहते थे।  तीनो को विद्या का थोड़ा -थोड़ा ज्ञान था । तीनो चोरो को विधा का ज्ञान  प्राप्त  होने के कारण घमंड था ।  विधा द्वारा  तीनो चोर  शहर में बड़े बड़े लोहे की तिजोरियों को तोड़ देते थे और बैंको को लूट लिया करते थे । इस तरह तीनो चोरो ने शहर के लोगो की नाक में दम कर रखा था।   एक बार तीनो चोरो ने एक बड़े बैंक में डकेती करके सारा माल उडा दिया । तब पुलिस को खबर हुई तो तीनो चोरो को पकड़ने  के लिए  तलाश करने लगे ।   मगर तीनो चोर पास के जंगल में भाग गए।

तीनो चोरो ने देखा की जंगल में बहुत सी हड्डिया बिखरी पड़ी है। अशोक ने अनुमान लगाकर कहा - ये तो किसी शेर की हड्डियां है। में चाहू तो सभी हड्डियों को अपनी विधा के ज्ञान से जोड़ सकता हु।  मुकेश को भी विधा का घमंड था सो  वह बोला - अगर ये शेर की हड्डीया है तो में इनको अपनी विधा के द्वारा शेर की खाल तैयार कर उसमें डाल सकता हु। अशोक और मुकेश की बात सुनकर रमेश का भी घमण्ड उमड़ पड़ा और उसने कहा - तुम दोनों इतना काम कर सकते हो तो में भी अपनी विधा के द्वारा इसमे प्राण डाल सकता हु। 

तीनो चोर अपनी विधा का प्रयोग करने लगे। कुछ देर बाद अशोक ने सारी हड्डीयो को जोड़ दिया ।  और मुकेश ने शेर की हूबहू जान डाल दिया। थोड़ी देर में तीनों चोर के सामने एक जीवित भयानक शेर को देखकर  कांप उठे । मगर शेर के पेट में एक दाना भी नही था। वह भूख के मारे गरजता हुआ तीनो चोरो पर हमला कर बैढा । और मारकर खा गया। शेर मस्त होकर घने जंगल की ओर चल दिया ।

Moral:-
            कभी भी घमंड नही करना चाहिए । घमंडी को हमेशा दुःख का ही सामना करना पड़ता है । यदि तीनो चोर अपनी विधा पर घमंड न करते तो उन्हें जान से हाथ न धोने पड़ते। हमे अपनी विधा का प्रयोग सोच समझकर करना चाहिए । 
तीन चोर (कभी घमंड मत करो ) moral story तीन चोर  (कभी घमंड मत करो ) moral story Reviewed by Ankit yadav on October 05, 2017 Rating: 5

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