अँधा घोडा motivational hindi story

शहर के नजदीक बने फार्म हाउस में दो घोड़े रहते थे। दूर से देखने पर दोनों एक जैसे दिखते थे,पर पास जाकर देखने पर पता चलता की उनमे से एक घोडा अँधा था। पर अँधा होने के बावजूद फार्म हाउस के मालिक ने उसे व्हा से निकाला नही बल्कि उसे और अधिक सुरक्षा तथा आराम से रखा था। अगर कोई और ध्यान देता तो पता चलता की घोड़े के मालिक ने एक घोड़े के गले में घंटी बांध रखी थी ,जिसकी आवाज सुनकर अँधा घोडा उसके पास पहुच जाता और उसके पीछे पीछे बाड़े में घूमता ,घंटी वाला घोड़ा भी अपने मित्र की परेशानी समझता था ,वह बीच बीच में पीछे मुड़कर देखता और सुनिचित करता की उसका मित्र सुरक्षित है और वापस अपने स्थान पर पहुच जाये और इसके बाद ही वो अपनी जगह की ओर बढ़ता ।

Moral:-
             मित्रो,  बाड़े के मालिक की तरह भगवान
हमे बस इसलिए ही नही छोड़ देते है कि हमारे में कोई दोष या कमिया है वो हमारा ख्याल रखते है ओर हमे कब जरूरत होती है तो किसी न किसी को हमारी मदद के लिए भेज देते है।कभी कभी हम वो अंधे घोड़े होते है जो भगवन द्वारा बाँधी गयी घण्टी से परेशानियों को पार कर पाते है तो कभी हम अपने गले में बंधी घंटी द्वारा दुसरो को रास्ता दिखाते है।

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अँधा घोडा motivational hindi story अँधा घोडा  motivational hindi story Reviewed by Ankit yadav on November 04, 2017 Rating: 5

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